Team Edubeats
| Updated:Jan 13, 2021बनारस,
स्वामी विवेकानंद की जयंती यानि 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के अवसर पर NSUI बीएचयू और प्रोफेशनल कांग्रेस के संयुक्त तत्वावधान में 'स्वामी विवेकानन्द की नज़र में राष्ट्रवाद और वसुधैव कुटुम्बकम' विषय पर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के दौरान NSUI के कार्यकर्ताओं ने स्वामी विवेकानंद और महामना मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए कार्यक्रम की शुरूआत की। इसी के साथ NSUI के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव भी पारित किया, NSUI के कार्यकर्ताओं ने 'राष्ट्रवाद और समावेशी धर्म' पर प्रकाश डालते हुए विवेकानन्द के विचारों पर भी चर्चा की।
प्रो. महेश विक्रम सिंह ने कहा कि 'स्वामी विवेकानंद केवल एक संन्यासी मात्र ही नहीं थे, बल्कि वह एक युगद्रष्टा भी थे'। प्रो. सिंह ने कहा कि विवेकानन्द का राष्ट्रवाद समावेशी और करुणामय था। उनकी इच्छा थी कि सेवाभाव, त्याग और अध्यात्म को राष्ट्रवाद समझा जाए। इसी के साथ उन्होंने कहा कि विवेकानन्द के शिकागो भाषण में उनकी आत्मीयता और करुणा की भावना ने वास्तव में 'वसुधैव कुटुम्बकम' की प्राचीन भारतीय धारणा को प्रदर्शित किया था।
NSUI के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि 'आज आवश्यकता है कि युवा और छात्र स्वामी विवेकानन्द से प्रेरणा लेकर समाज का नेतृत्व करें और उनके समावेशी हिन्दू धर्म की परिकल्पना के साथ समाज की दिशा को भी निर्धारित करें।'
आपको बता दें, कि कार्यक्रम का संचालन विक्रांत सिंह ने किया। इसी के साथ कार्यक्रम के दौरान अंशु मिश्रा , सौरभ यादव, धनंजय त्रिपाठी, श्याम बाबू मौर्या, दीपक राजगुरु, अभिनव मणि त्रिपाठी, अनिक देव सिंह, जगन्नाथ दुबे, शिवम शुक्ला, राणा रोहित, सनी सिंह, रोशन सिंह, शिवेंद्र शर्मा, विशाल चौबे, बेबी पटेल, गौरव राव, विकास सिंह, प्रिंस पाण्डेय आदि छात्र मौजूद रहे।