Divya Gaurav
| Updated:Jul 04, 2021हरदोई/लखनऊ
किन्नर समुदाय को लोग अक्सर घृणा की दृष्टि से देखते हैं लेकिन किन्रर समुदाय की गुरू रेखा ने कोरोना काल में लोगों की खूब मदद और सेवा की है। एजुकेशन बीट्स अपनी खास सीरीज "एक मुलाकात" में ऐसे लोगों के बारे में बताता आ रहा है जो समाज को अपने सकारात्मक कार्यों से एक बेहतर दिशा दे रहे हैं। रेखा ने अपनी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखें हैं पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी और हमेशा लोगों के बीच लोगों की सेवा करने के लिए तत्पर नजर आईं।
रेखा बताती हैं कि उनके माता-पिता ने उन्हें बचपन से ही किन्नर समुदाय की गुरू मां के पास छोड़ दिया था और वहीं पर उनकी पढ़ाई की शुरूआत हुई। लोगों से रेखा को बहुत सारा प्यार भी मिलने लगा। रेखा बताती हैं कि उन्होंने कई ऐसी परिवार की लड़कियों का विवाह भी करवाया है जो आर्थिक रूप से कमजोर था और शादी करने की स्थिति में नहीं था। रेखा बताती हैं कि उन्हें हमेशा से ही पशु-पक्षियों और लोगों की सेवा करना अच्छा लगता था।
इसी के साथ ही रेखा आगे कहती हैं कि वह प्रतिवर्ष करीब 50 कन्याओं के विवाह में गहने, जेवर, कपड़े व गृहस्थी का सामान देकर भी मदद करती हैं। बता दें कि 26 जनवरी, 15 अगस्त व 2 अक्टूबर सहित राष्ट्रीय कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के साथ रेखा बच्चों को पुरस्कृत भी करती हैं। कोरोना काल में भी रेखा ने लोगों को भोजन, कपड़े आदि की व्यवस्था करवाई है। रेखा कहती हैं कि उनके जीवन में दु:खी और असहाय लोगों का संपर्क बचपन से ही बना रहा। अनेक प्रकार से सहयोग कर रेखा ने अपनी सेवा भावना को समाज में दर्शाया भी है।