Ananya Mishra
| Updated:Jul 06, 2021आगरा/लखनऊ
कोरोना महामारी के दौरान जब हर दूसरा व्यक्ति कोरोना वायरस से परेशान था... ऐसे मुश्किल वक्त में लोगों के बीच उम्मीद की गांठ अगर कोई जोड़े था तो वो थे हमारे सामाजिक कार्यकर्ता। वैसे तो इस मुश्किल वक्त में बहुत से सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आगे बढ़कर सभी की मदद की है। आगरा के पूरन ने कोरोना महामारी की पहली लहर में अन्नपूर्णा किचन चला कर पलायन कर रहे राहगीरों को खाना वितरित करवाया।
सक्षम डाबर मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष पूरन बताते हैं कि उनके बेटे की एक्सीडेंट में असमय मृत्यु हो गई और पूरन ने अपने बेटे की याद में इस ट्रस्ट की शुरूआत की थी। पूरन बताते हैं कि जिस परिवार में दो बच्चे हैं उनके एक बच्चे की फीस और जिस परिवार में एक बच्चा है उसकी पूरी फीस सक्षम डाबर मेमोरियल ट्रस्ट के जरिए स्कूल में दी जाती है। पूरन कहते हैं कि कोई भी बच्चा आर्थिक तंगी के कारण अशिक्षित नहीं रहेगा।
इसी के साथ ही पूरन आगे बताते हैं कि सक्षम डाबर मेमोरियल ट्रस्ट के माध्यम से उन्होंने एक अस्पताल खोला जिसमें हर एक चीज की व्यवस्था की गई थी। जिसमें बेड, वेंटिलेटर आदि जरूरत के सभी संसाधन मौजूद हैं। पूरन आगे कहते हैं कि दूसरी लहर में काफी लोगों की जान गई जिसके चलते इस हॉस्पिटल को खोला गया और अभी भी हॉस्पिटल में जरूरत का सभी सामान मौजूद है कि आने वाली दिक्कतों का सामना न करना पड़े। इसी के साथ एजुकेशन बीट्स से खास बातचीत में पूरन ने और भी कई सामाजिक मुद्दों पर खास बातें कीं.... देखिए