Ananya Mishra
| Updated:Aug 12, 2021कोरोना महामारी से आज पूरी दुनिया जूझ रही है इस साल ना जानें कितने लोगों के घर का दीपक बुझ गया है और जानें कितनों ने अपनों को खोया है। इस महामारी का प्रकोप दुनिया के कई देशों में देखने को मिला है।
जैसा कि आप लोगों ने देखा होगा की स्वास्थ्य, भूख, रोज़गार, ऐसे अनेक मुद्दे हैं जो लगातार मीडिया में आ रहे हैं। इस पूरे जिक्र में एक बड़ा सवाल गायब है, और वो है शिक्षा के अधिकार का सवाल। इस corona में कैसे पढ़ाई होगी ये सोचने का विषय है ।
जैसा कि हम जानते हैं कि कुछ बड़े संस्थान हैं जो ऑनलाइन क्लासेज चलाकर अपने छात्रों को सहयोग करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन ऐसे कुछ ही संस्थान हैं जो ऑनलाइन क्लासेज में पढ़ा रहे हैं। ऑनलाइन ऐप के माध्यम से टीचर्स अपने सभी छात्रों से बात करते हैं और उनका मार्गदर्शन करते हैं।
कहीं-कहीं पर तो ऑनलाइन क्लासेज के नाम पर क्लासेज बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं, ना तो टीचर्स रेगुलर ऑनलाइन क्लासेज लेते हैं और अगर लेते भी हैं तो नटवर्क बहुत खराब होता है जिसकी वजह से पढ़ाई में बाधा उत्पन्न होती है।
ऑनलाइन पढ़ाई को न ही बच्चे सीरीयस लेते हैं और न ही टीचर्स बहुत से ऐसे बच्चे भी हैं जो ऑनलाइन क्लासेज करते ही नहीं हैं। अगर देखा जाए तो ऑनलाइन क्लासेज से ज्यादा बच्चे ऑफलाइन में खुश हैं। ऑफलाइन मे टीचर्स बच्चों पर ज्यादा ध्यान देते हैं और बच्चे भी टीचर्स के डर से मन लगाकर पढ़ते हैं।
सरकार के निर्देशों अनुसार 15 अगस्त से कक्षा 9वीं और 12वीं के विद्यालयों को खोलने का आदेश दिया है। अब देखना ये है कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे पढ़ पाएंगे या नहीं। ना जाने कब ये कोविड-19 महामारी खत्म होगी और बच्चे अपने भविष्य को सुरक्षित देखेंगे।